किसान आंदोलन में घुसे अराजकतावादी तत्वों को बेनकाब किया जाना चाहिए - अरविन्द सिसौदिया
.....और अब यह भी सामने आया है कि भिंडरावाला की तस्वीर की टीशर्ट पहनकर किसान आए थे. भिंडरावाला का किसानों के साथ क्या सम्बन्ध है? क्या वास्तव में विपक्ष अब खुलकर देश विरोधी ताकतों का सहारा मात्र इसलिए ले रहा है कि वह चुनाव जीत जाएँ?
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उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई किसान और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या के संदर्भ में सही और उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए । क्योंकि जिस तरह से किसान आंदोलन के नाम पर कुछ राजनीतिक दल हिंसा पूर्ण आराजकता उत्पन्न करनें में लगे हैं , इनमें अराजकतावादी तत्व सम्मिलित है यह किसी से छुपा नहीं है और यूपी में चुनावपूर्व इस तरह की अराजकतावा उत्पन्न होगी यह पूर्व संभावित थी भी और हुआ भी यही |
विपक्षी दल राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए किसान आंदोलन की ओट से हिंसा का सहारा ले रहे हैं , अनर्गल मिथ्या आरोप लगा रहे हैं और विशेष रूप से दो कौमों का इस्तेमाल कर रहे हैं और इस तरह से यह एक हिंसक आंदोलन किसानों के नाम पर चला रहे हैं ।जिसकी तथ्यात्मकता कोई भी किसान हित चिंतन नहीं है ।
लगातार हमको देखने में मिल रहा है कि पहले तो आपराधिक रूप से उन्होंने दिल्ली को घेरा, दिल्ली के रास्ते बंद किए, दिल्ली को 10 महीने से जाम कर रखा है। फिर इसके बाद उन्होंने पंजाब में आपराधिक रूप से जियो टावरों को निशाना बनाया, भाजपा के कार्यक्रमों को निशाना बनाया । हरियाणा में भाजपा के कार्यक्रमों को निशाना बनाया, बंगाल में लगातार भाजपा कार्यकर्ताओं पर हिंसा का कहर बरपाया जा रहा है, यहां तक कि अभी ममता बनर्जी के चुनाव क्षेत्र में ही भाजपा सांसद एवं कार्यकर्ताओं पर बड़े हमले हुए , केंद्रीय मंत्रियों पर हमले हुए , महाराष्ट्र में भी यह देखने को मिला है और यही तरीका, पूर्व नियोजित तरीके से कहीं ना कहीं हमें उत्तर प्रदेश की लखीमपुर की घटना में भी नजर आ रहा है ।
सर्वोच्च न्यायालय के तौर-तरीकों पर नाराजगी जाहिर कर चुका है किंतु यह विपक्षी राजनीतिक दलों की शह पर शुद्धआराजकतावादी कृत्य कर रहे हैं जिसका पूरे देश में विरोध है जनता में भी विरोध हैं | कहीं ना कहीं सरकार को इस संदर्भ में कड़े कदम उठाने के लिए आगे आना ही होगा और किसानों के फर्जी स्वरूप को फर्जी चेहरों को बेनकाब करना होगा |
लखीमपुर में अभी वहां सड़क के दोनों तरफ खड़े हुए लोग तथाकथित किसान काले झंडे दिखाने के नाम पर भाजपा कार्यकर्ताओं की गाड़ियों पर हमला करते हैं में , तोड़फोड़ करते हैं, भागनें पर मजबूर करते हैं । उनके वाहनों में आग लगा देते हैं , उन्हें जान से मार देते हैं । इस तरह से 4 कथित किसान और 4 भाजपा कार्यकर्ताओं की मृत्यु का समाचार सामने आ रहा है ।
इससे पूर्व में भी 26 जनवरी 2021 को लालकिले पर खालिस्तानी झण्डा लहराने के प्रयत्न में भी आराजकतावादी सम्मिलित थे। इस घटना में भी यह हुआ है कि इस आंदोलन में आपराधिक तत्व सम्मिलित हैं और कहीं ना कहीं इन आपराधिक तत्वों का पंजाब से जुड़ाव भी लगातार सामने आ रहा |
कुल मिला कर पूरा देश इस बात के समर्थन में है कि यह किसान आन्दोलन नहीं है। उसके नाम पर आराजकतावादी तत्वो का षड़यंत्र है। विदशों से फंडिग हो रही है। जिसे विपक्ष के कुछ दल सहयोग कर रहे हैं बेकअप कर रहे है। राष्ट्रघाती अपराध पर उन्हे भी मॉफ नहीं किया जा सकता है। इसलिये इब समय आ गया है कि केन्द्र एवं राज्य सरकारें प्रभावी कार्यवाही करें।
तथाकथित किसान नेता राकेश टिकैत अपने भाषणों में सम्बोधनों में लगातार आराजकतावादी शब्दों का इस्तेमाल करते है। जैसे कि अभी भी उन्होने कहा .....भाजपा के एक भी नेता को घर से नहीं निकलने दिया जाएगा। -राकेश टिकैत औश्र यही शब्द आराजकता का कारण बने हुये है। केन्द्र सरकार को एक सामान्य नागरिकों पर लागे कानून की जरह ही इप पर भी कार्यवाही करनी चाहिये। आराजकता की अनुमति किसी को नहीं है।
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WhatsApp Group के जरिए रची गई Lakhimpur Kheri हिंसा की साजिश? मैसेज में लिखी गई थी ये बात
लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) से पहले 'ललकार किसान' नाम का ग्रुप बनाया गया था और इस गुप से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र (Ajay Mishra) के वीडियो शेयर किए गए थे और लिखा गया था, 'इससे बदला लेना है.'
Written By:
विशाल सिंह रघुवंशी
Updated:
Oct 5, 2021, 08:51 AM IST
खास बातें
1 लखीमपुर हिंसा से पहले बनाया गया था एक व्हाट्सऐप ग्रुप
2 'ललकार किसान' के नाम से व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया था
3 ग्रुप में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के वीडियो शेयर किए गए थे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) में 9 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में 4 किसान, 3 बीजेपी कार्यकर्ता, 1 बीजेपी नेता का ड्राइवर एक पत्रकार शामिल है. इस बीच लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है और पता चला है कि हिंसा से पहले एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया था, जिसके जरिए साजिश रची गई थी.
ग्रुप के जरिए शेयर किया गया था ये मैसेज
लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) से पहले 'ललकार किसान' नाम का ग्रुप बनाया गया था और इस गुप से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र (Ajay Mishra) के वीडियो शेयर किए गए थे. इसके साथ ही व्हाट्सऐप ग्रुप में लिखा गया था, 'इससे बदला लेना है.'
खालिस्तान टास्क फोर्स के पूर्व सदस्य ने बनाया था ग्रुप
सूत्रों के मुताबिक 'ललकार किसान' ग्रुप को खालिस्तान टास्क फोर्स (Khalistan Task Force) के एक पूर्व सदस्य ने बनाया था. अब पुलिस व्हाट्सऐप ग्रुप के एडमिन की तलाश कर रही है, जिसके जरिए लखीमपुर खीरी हिंसा से पहले मैसेज फॉरवर्ड किए गए थे.
लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) से पहले 'ललकार किसान' नाम का ग्रुप बनाया गया था और इस गुप से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र (Ajay Mishra) के वीडियो शेयर किए गए थे और लिखा गया था, 'इससे बदला लेना है.'
Written By:
विशाल सिंह रघुवंशी
Updated:
Oct 5, 2021, 08:51 AM IST
खास बातें
1 लखीमपुर हिंसा से पहले बनाया गया था एक व्हाट्सऐप ग्रुप
2 'ललकार किसान' के नाम से व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया था
3 ग्रुप में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के वीडियो शेयर किए गए थे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में रविवार को किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) में 9 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों में 4 किसान, 3 बीजेपी कार्यकर्ता, 1 बीजेपी नेता का ड्राइवर एक पत्रकार शामिल है. इस बीच लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है और पता चला है कि हिंसा से पहले एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया गया था, जिसके जरिए साजिश रची गई थी.
ग्रुप के जरिए शेयर किया गया था ये मैसेज
लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Kheri Violence) से पहले 'ललकार किसान' नाम का ग्रुप बनाया गया था और इस गुप से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र (Ajay Mishra) के वीडियो शेयर किए गए थे. इसके साथ ही व्हाट्सऐप ग्रुप में लिखा गया था, 'इससे बदला लेना है.'
खालिस्तान टास्क फोर्स के पूर्व सदस्य ने बनाया था ग्रुप
सूत्रों के मुताबिक 'ललकार किसान' ग्रुप को खालिस्तान टास्क फोर्स (Khalistan Task Force) के एक पूर्व सदस्य ने बनाया था. अब पुलिस व्हाट्सऐप ग्रुप के एडमिन की तलाश कर रही है, जिसके जरिए लखीमपुर खीरी हिंसा से पहले मैसेज फॉरवर्ड किए गए थे.
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घटना से सम्बंधित समाचार
डिप्टी सीएम के कार्यक्रम का विरोध
लखीमपुर खीरी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का परियोजनाओं के लोकार्पण करने का कार्यक्रम था, उसके बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के पैतृक गांव में एक कार्यक्रम में उनको शामिल होना था.
ये जानकारी मिलने पर किसान नेता डिप्टी सीएम को काला झंडा दिखाने के लिए जमा हुए थे.
तिकुनिया में क्या हुआ था?
इस दौरान तिकुनिया कस्बे में भाजपा समर्थकों की एक गाड़ी से कुछ किसान चोटिल हो गए. इसके बाद आक्रोशित किसानों ने गाड़ी में आग लगा दी जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई और डिप्टी सीएम का कार्यक्रम बीच में ही रोक दिया गया.
घटना स्थल पर डीएम, एसपी सहित भारी पुलिस बल तैनात हैं.
भारतीय किसान यूनियन ने आरोप लगाया है कि तीन किसानों को गृह राज्य मंत्री के बेटे की गाड़ी ने रौंद दिया.
किसान नेता डॉक्टर दर्शनपाल ने एक बयान जारी कर कहा कि तिकुनिया में यूपी के डिप्टी सीएम को हेलिकॉप्टर पर जाने से रोकने के लिए हेलीपैड को घेर लिया गया था. उन्होंने कहा कि प्रोग्राम ख़त्म हो रहा था और लोग वहां से वापस जा रहे थे.
उन्होंने कहा, "उसी समय तीन गाड़ियां तेज़ रफ़्तार से आईं जिसमें अजय मिश्र, उनके बेटे, भाई और भाई का चाचा बैठे थे, उन्होंने गाड़ियां चढ़ा दीं, एक किसान की मौके पर मौत हो गई, एक की अस्पताल में."
उन्होंने कहा कि उनके नेता तजेंदिर विर्क को भी गंभीर चोटें आई हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का स्पष्टीकरण
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र ने कहा कि उनके बेटे पर लगाया जा रहा ये आरोप कि वो गाड़ी चला रहे थे, ये सरासर झूठ है. उन्होंने कहा, "वो, मैं या मेरे परिवार का कोई भी सदस्य उस वक़्त वहां मौजूद ही नहीं था."
अजय मिश्र ने बताया, "जैसी कि आप सबको जानकारी है कि हमारे पैतृक गांव में प्रतिवर्ष कुश्ती प्रतियोगिता का कार्यक्रम होता है. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बतौर मुख्य अतिथि आज माननीय उपमुख्यमंत्री जी को आना था और लखीमपुर में पीडब्ल्यूडी का कार्यक्रम था वो करके हम दोनों लोग साथ आ रहे थे."
"जब हम कार्यक्रम स्थल से थोड़ी दूर थे तो हमारा रूट यह बता कर डायवर्जन कर दिया गया कि कुछ किसान वहां पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और काला झंडा दिखाने की कोशिश करेंगे. हमलोगों का रूट परिवर्तित हो गया उसके बाद हमारे कार्यकर्ता चार पांच गाड़ियों से हमें लेने आ रहे थे. उन कार्यकर्ताओं पर किसानों के बीच शामिल अराजक तत्वों ने पथराव किया. इसकी वजह से वो गाड़ियां रुकीं."
"गाड़ियों से खींच कर हमारे कार्यकर्ताओं को लाठी, डंडे और तलवारों से पीटा गया. इसका वीडियो हमारे पास है. फिर गाड़ियों को धक्का देकर गड्ढे में गिराया गया. उन गाड़ियों को जलाया गया. उसके साथ साथ दूसरी गाड़ियों में भी भारी तोड़फोड़ की गई."
"इस दुखद घटना में हमारे तीन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की मृत्यु हुई है. ड्राइवर की भी मृत्यु हुई है. साथ ही 10 से 12 लोग घायल हुए हैं. यह बेहद दुखद घटना है जो इस आंदोलन में घुसे उपद्रवियों ने की है. जब से ये किसान आंदोलन शुरू हुआ है, बब्बर खालसा से लेकर अनेक उपद्रवी संगठन हमारे देश में अस्थिरता फैलाने की कोशिश में लगे हैं. किसान आंदोलन को चलाने वाले लोगों को भी इन बातों को समझना चाहिए."
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किसानों से अपील है कि शांति बनाएं रखें, जीत किसानों की ही होगी। सरकार होश में ना आई तो भाजपा के एक भी नेता को घर से नहीं निकलने दिया जाएगा।
-राकेश टिकैत
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लखीमपुर खीरी में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का परियोजनाओं के लोकार्पण करने का कार्यक्रम था, उसके बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के पैतृक गांव में एक कार्यक्रम में उनको शामिल होना था.
ये जानकारी मिलने पर किसान नेता डिप्टी सीएम को काला झंडा दिखाने के लिए जमा हुए थे.
तिकुनिया में क्या हुआ था?
इस दौरान तिकुनिया कस्बे में भाजपा समर्थकों की एक गाड़ी से कुछ किसान चोटिल हो गए. इसके बाद आक्रोशित किसानों ने गाड़ी में आग लगा दी जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई और डिप्टी सीएम का कार्यक्रम बीच में ही रोक दिया गया.
घटना स्थल पर डीएम, एसपी सहित भारी पुलिस बल तैनात हैं.
भारतीय किसान यूनियन ने आरोप लगाया है कि तीन किसानों को गृह राज्य मंत्री के बेटे की गाड़ी ने रौंद दिया.
किसान नेता डॉक्टर दर्शनपाल ने एक बयान जारी कर कहा कि तिकुनिया में यूपी के डिप्टी सीएम को हेलिकॉप्टर पर जाने से रोकने के लिए हेलीपैड को घेर लिया गया था. उन्होंने कहा कि प्रोग्राम ख़त्म हो रहा था और लोग वहां से वापस जा रहे थे.
उन्होंने कहा, "उसी समय तीन गाड़ियां तेज़ रफ़्तार से आईं जिसमें अजय मिश्र, उनके बेटे, भाई और भाई का चाचा बैठे थे, उन्होंने गाड़ियां चढ़ा दीं, एक किसान की मौके पर मौत हो गई, एक की अस्पताल में."
उन्होंने कहा कि उनके नेता तजेंदिर विर्क को भी गंभीर चोटें आई हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का स्पष्टीकरण
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र ने कहा कि उनके बेटे पर लगाया जा रहा ये आरोप कि वो गाड़ी चला रहे थे, ये सरासर झूठ है. उन्होंने कहा, "वो, मैं या मेरे परिवार का कोई भी सदस्य उस वक़्त वहां मौजूद ही नहीं था."
अजय मिश्र ने बताया, "जैसी कि आप सबको जानकारी है कि हमारे पैतृक गांव में प्रतिवर्ष कुश्ती प्रतियोगिता का कार्यक्रम होता है. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए बतौर मुख्य अतिथि आज माननीय उपमुख्यमंत्री जी को आना था और लखीमपुर में पीडब्ल्यूडी का कार्यक्रम था वो करके हम दोनों लोग साथ आ रहे थे."
"जब हम कार्यक्रम स्थल से थोड़ी दूर थे तो हमारा रूट यह बता कर डायवर्जन कर दिया गया कि कुछ किसान वहां पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और काला झंडा दिखाने की कोशिश करेंगे. हमलोगों का रूट परिवर्तित हो गया उसके बाद हमारे कार्यकर्ता चार पांच गाड़ियों से हमें लेने आ रहे थे. उन कार्यकर्ताओं पर किसानों के बीच शामिल अराजक तत्वों ने पथराव किया. इसकी वजह से वो गाड़ियां रुकीं."
"गाड़ियों से खींच कर हमारे कार्यकर्ताओं को लाठी, डंडे और तलवारों से पीटा गया. इसका वीडियो हमारे पास है. फिर गाड़ियों को धक्का देकर गड्ढे में गिराया गया. उन गाड़ियों को जलाया गया. उसके साथ साथ दूसरी गाड़ियों में भी भारी तोड़फोड़ की गई."
"इस दुखद घटना में हमारे तीन भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की मृत्यु हुई है. ड्राइवर की भी मृत्यु हुई है. साथ ही 10 से 12 लोग घायल हुए हैं. यह बेहद दुखद घटना है जो इस आंदोलन में घुसे उपद्रवियों ने की है. जब से ये किसान आंदोलन शुरू हुआ है, बब्बर खालसा से लेकर अनेक उपद्रवी संगठन हमारे देश में अस्थिरता फैलाने की कोशिश में लगे हैं. किसान आंदोलन को चलाने वाले लोगों को भी इन बातों को समझना चाहिए."
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किसानों से अपील है कि शांति बनाएं रखें, जीत किसानों की ही होगी। सरकार होश में ना आई तो भाजपा के एक भी नेता को घर से नहीं निकलने दिया जाएगा।
-राकेश टिकैत
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