फाइल में नहीं उलझेगी कोई योजना,गति शक्ति योजना, मास्टर प्लान, जानें
गति शक्ति योजना का उद्देश्य लॉजिस्टिक्स पर आने वाले खर्च को कम करना, कार्गो हैंडलिंग कैपेसिटी को बढ़ाना और सामान एक जगह से दूसरी जगह भेजने में लगने वाले समय को कम करना है। किसी एक प्रोजेक्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर काम करने वाले सभी विभाग को एक साथ लाकर एक प्लेटफार्म पर खड़ा करना इस योजना का उद्देश्य है।
फाइल में नहीं उलझेगी कोई योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने बुधवार को मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स की लागत कम करना और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना है। यह एक डिजिटल मंच है जिससे 16 मंत्रालयों को जोड़ा जाएगा। पीएम मोदी ने योजना के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि पीएम गतिशक्ति योजना का टारगेट, लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी, कार्गो हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाना और आवाजाही तेज करना है। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य सभी संबंधित विभागों को एक मंच पर जोड़कर परियोजनाओं को ज्यादा शक्ति और रफ्तार देना है।
पीएम मोदी ने पूर्व की सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पहले विकास कामों में सुस्ती के साथ टैक्सपेयर्स के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया जाता था और विभाग अलग-अलग काम करते थे, परियोजनाओं को लेकर उनमें कोई को-ऑर्डिनेशन नहीं था।
क्या है PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान : गतिशक्ति मास्टर प्लान एक ऐसा मंच है जहां सड़क से लेकर रेलवे, उड्डयन से लेकर कृषि मंत्रालय तक एक मंच से जुड़ेंगे, यहां उन प्रोजेक्ट को डाल दिया जाएगा जो मौजूदा समय में चल रहा है या आगामी दो से तीन सालों में पूरा होना है। इस मंच के जरिए अलग मंत्रालयों और विभागों के बीच रियल टाइम को-ऑर्डिनेशन होगा ताकि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजनाओं को भावी तरीके से लागू किया जा सकता है।
क्या होगा फायदा : PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के जरिए रियल टाइम के आधार पर सूचना और आंकड़ों उपलब्धा आसान होगी और चीजें ज्यादा स्पष्ट होंगी। इसके अलावा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का काम बेहतर तरीके हो सकेगा, क्योंकि एक दूसरे विभाग पर दोष मढ़ने का विकल्प नहीं होगा, समस्या पैदा होने पर उनका निवारण के प्रति क्या रवैया है, इसे भी देखा जा सकेगा। इसके अलावा मंत्रालयों के बीच सूचना को लेकर कम विषमता होगी। साथ ही अकेले काम करने की स्थिति में कमी और अलग-अलग सरकारी एजेंसियों के बीच को-ऑर्डिनेशन के अभाव से होने वाली देरी से निपटने में भी मदद मिलेगी।
क्या कहा पीएम मोदी ने: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य सभी संबंधित विभागों को एक मंच पर जोड़कर परियोजनाओं को अधिक शक्ति और गति देना है। उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचा योजनाओं को एक समान दृष्टि से तैयार कर उनका कार्यान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के बिना विकास संभव नहीं है और सरकार ने अब इसे समग्र रूप से विकसित करने का संकल्प लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में ‘लॉजिस्टिक्स’ की ऊंची लागत जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 13 प्रतिशत हिस्सा है, एक्सपोर्ट में प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर रही है और पीएम गतिशक्ति का उद्देश्य ‘लॉजिस्टिक्स’ की लागत कम करना और कामकाज को तेज करना है। पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना से भारत को एक निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के तहत भारत जिस गति और पैमाने को देख रहा है, वह आजादी के पिछले 70 वर्षों में कभी नहीं देखा गया था।
पीएम ने उदाहरण देते हुए कहा कि पहली अंतर-राज्यीय प्राकृतिक गैस पाइपलाइन 1987 में चालू की गयी थी। तब से 2014 तक, 15,000 किलोमीटर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का निर्माण किया गया था। इस समय 16,000 किलोमीटर से अधिक नयी गैस पाइपलाइन का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “27 साल में जो किया गया, हम वह काम उससे आधे से भी कम समय में कर रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के सत्ता में आने से पहले के पांच साल में 1,900 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण किया गया था, जबकि पिछले सात वर्षों में 9,000 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि 2015 में मेट्रो नेटवर्क 250 किलोमीटर था और अब मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार 700 किलोमीटर तक हो गया है तथा और 1,000 किलोमीटर पर काम चल रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने बुधवार को मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स की लागत कम करना और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास करना है। यह एक डिजिटल मंच है जिससे 16 मंत्रालयों को जोड़ा जाएगा। पीएम मोदी ने योजना के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि पीएम गतिशक्ति योजना का टारगेट, लॉजिस्टिक्स की लागत में कमी, कार्गो हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाना और आवाजाही तेज करना है। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य सभी संबंधित विभागों को एक मंच पर जोड़कर परियोजनाओं को ज्यादा शक्ति और रफ्तार देना है।
पीएम मोदी ने पूर्व की सरकारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पहले विकास कामों में सुस्ती के साथ टैक्सपेयर्स के पैसे का सही इस्तेमाल नहीं किया जाता था और विभाग अलग-अलग काम करते थे, परियोजनाओं को लेकर उनमें कोई को-ऑर्डिनेशन नहीं था।
क्या है PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान : गतिशक्ति मास्टर प्लान एक ऐसा मंच है जहां सड़क से लेकर रेलवे, उड्डयन से लेकर कृषि मंत्रालय तक एक मंच से जुड़ेंगे, यहां उन प्रोजेक्ट को डाल दिया जाएगा जो मौजूदा समय में चल रहा है या आगामी दो से तीन सालों में पूरा होना है। इस मंच के जरिए अलग मंत्रालयों और विभागों के बीच रियल टाइम को-ऑर्डिनेशन होगा ताकि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की योजनाओं को भावी तरीके से लागू किया जा सकता है।
क्या होगा फायदा : PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के जरिए रियल टाइम के आधार पर सूचना और आंकड़ों उपलब्धा आसान होगी और चीजें ज्यादा स्पष्ट होंगी। इसके अलावा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का काम बेहतर तरीके हो सकेगा, क्योंकि एक दूसरे विभाग पर दोष मढ़ने का विकल्प नहीं होगा, समस्या पैदा होने पर उनका निवारण के प्रति क्या रवैया है, इसे भी देखा जा सकेगा। इसके अलावा मंत्रालयों के बीच सूचना को लेकर कम विषमता होगी। साथ ही अकेले काम करने की स्थिति में कमी और अलग-अलग सरकारी एजेंसियों के बीच को-ऑर्डिनेशन के अभाव से होने वाली देरी से निपटने में भी मदद मिलेगी।
क्या कहा पीएम मोदी ने: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य सभी संबंधित विभागों को एक मंच पर जोड़कर परियोजनाओं को अधिक शक्ति और गति देना है। उन्होंने कहा कि विभिन्न मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों की बुनियादी ढांचा योजनाओं को एक समान दृष्टि से तैयार कर उनका कार्यान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के बिना विकास संभव नहीं है और सरकार ने अब इसे समग्र रूप से विकसित करने का संकल्प लिया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में ‘लॉजिस्टिक्स’ की ऊंची लागत जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 13 प्रतिशत हिस्सा है, एक्सपोर्ट में प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर रही है और पीएम गतिशक्ति का उद्देश्य ‘लॉजिस्टिक्स’ की लागत कम करना और कामकाज को तेज करना है। पीएम मोदी ने कहा कि इस योजना से भारत को एक निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के तहत भारत जिस गति और पैमाने को देख रहा है, वह आजादी के पिछले 70 वर्षों में कभी नहीं देखा गया था।
पीएम ने उदाहरण देते हुए कहा कि पहली अंतर-राज्यीय प्राकृतिक गैस पाइपलाइन 1987 में चालू की गयी थी। तब से 2014 तक, 15,000 किलोमीटर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का निर्माण किया गया था। इस समय 16,000 किलोमीटर से अधिक नयी गैस पाइपलाइन का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “27 साल में जो किया गया, हम वह काम उससे आधे से भी कम समय में कर रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के सत्ता में आने से पहले के पांच साल में 1,900 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण किया गया था, जबकि पिछले सात वर्षों में 9,000 किलोमीटर रेल लाइन का दोहरीकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि 2015 में मेट्रो नेटवर्क 250 किलोमीटर था और अब मेट्रो रेल नेटवर्क का विस्तार 700 किलोमीटर तक हो गया है तथा और 1,000 किलोमीटर पर काम चल रहा है।
(इनपुट समाचार एजेंसी भाषा से भी)
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*_पीएम मोदी बुधवार को लॉन्च की गति शक्ति योजना, जानें क्या है ये मास्टर प्लान_*
*_▪️ऐसा नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी के दिमाग में सबको एक प्लेटफॉर्म पर लाने का आइडिया अभी आया है. बल्कि 2014 में सत्ता में आने के बाद ही वे इस विजन को मूर्त रूप देने में लग गये थे. इसके लिए पहले उन्होंने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन किया था, जो इस तरह के प्रोजेक्ट पर राय बनाए._*
*_नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अक्टूबर को नेशनल मास्टर प्लान यानी गति शक्ति योजना लॉन्च की हैं. इस योजना के लिए केंद्र सरकार के 16 विभागों को मिलाकर एक मास्टर प्लान बनाया गया. 15 अगस्त को पीएम मोदी ने लाल किला से इसकी घोषणा की थी._*
*_हिंदुस्तान में ये आम बात है कि कहीं सड़क बनी और थोड़े दिन बाद ही सिर्फ केबल बिछाने के लिये नई सड़क को खोद दिया जाता है. इसी तरह से सैंकड़ों करोड़ रुपये खर्च होने के बाद कई प्रोजेक्ट रुके मिलते हैं क्योंकि वन और पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिल पाती है._*
*_फाइल में नहीं उलझेगी कोई योजना_*
*_इस तरह के कई उदाहरण हम सब अक्सर देखते रहते हैं. ये केवल दिल्ली में ही नहीं बल्कि देश के हर हिस्से में देखने को मिलता है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक नए विजन को अमली जामा पहनाने के बाद ये सब बीते कल की बात हो सकती है. ऐसी ही समस्याओं को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अक्टूबर को "गति शक्ति योजना" शुभारंभ की . *
*_इसके लिए 16 मंत्रालयों का एक ग्रुप बनाया गया है, जो मुख्यतः आधारभूत संरचनाओं से संबंधित है. इसमें रेलवे, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, पेट्रोलियम, ऊर्जा, उड्डयन जैसे मंत्रालय शामिल हैं. इन मंत्रालयों के जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं या 2024-25 तक जिन योजनाओं को पूरा करना है, उन सबको गति शक्ति के अंतर्गत डाल दिया ._*
*_सैटेलाइट से होगी मॉनिटरिंग_*
*_उन सभी योजनाओं को एक नेशनल मास्टर प्लान के अंदर रखा जायेगा. इसमे सभी 16 मंत्रालयों के ज्वाइंट सेक्रेटरी लेवल के अधिकारी और विशेषज्ञ होंगे. ये लोग सैटेलाइट से लिये गए 3 डी इमेज के जरिये उन योजनाओं का मूल्यांकन करेंगे और अपनी राय उन योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए देंगे._*
*_उदाहरण के लिए अगर कहीं राष्ट्रीय मार्ग बन रहा है या बनने वाला है तो ये ग्रुप थ्री डी इमेज के जरिये बतायेगा कि सड़क किस रास्ते से जाए, रास्ते में कहां जंगल आएगा, उससे बचकर कैसे दूसरी तरफ से सड़क ले जाई जा सकती है. साथ ही ये ग्रुप, दूसरे मंत्रालय को भी जानकारी देगा कि ये सड़क बन रही है और अगर आपको केबल बिछानी है या गैस पाइप लाइन ले जानी है, तो आप बेहतर समन्वय से पहले ही काम कर लीजिए._*
*_विभागों के बीच बढ़ेगा तालमेल_*
*_ऐसा नहीं कि प्रधानमंत्री मोदी के दिमाग में सबको एक प्लेटफॉर्म पर लाने का आइडिया अभी आया है. बल्कि 2014 में सत्ता में आने के बाद ही वे इस विजन को मूर्त रूप देने में लग गये थे. इसके लिए पहले उन्होंने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का गठन किया था, जो इस तरह के प्रोजेक्ट पर राय बनाए. लेकिन शायद वो वित्तीय और कानूनी मामलों पर ही फोकस कर पाया. उन्होंने सचिवों की समिति भी बनाई थी जो हर महीने अलग-अलग विभागों की योजनाओं की समीक्षा के लिये प्रगति की बैठकें भी लेते रहते हैं._*
*_'गति शक्ति' मुख्य तौर पर योजनाओं की तमाम बाधाओं को दूर करने, विभागों में बेहतर समन्वय और उसमें राज्यों को भी शामिल करने की बृहत योजना है. जो पोर्टल अब लॉन्च होगा उसमें आने वाले समय में शासन को सबसे निचले स्तर तक जोड़ने की कल्पना है. यानी नगर निगमों को भी जोड़ा जायेगा. इससे केंद्रीय योजनाओं और राज्य की योजनाओं में बेहतर तालमेल बनेगा._*
*_उदाहरण के लिये रेलवे लाइन बिछानी हो तो कहां अंडरपास की जरूरत होगी, कहां से राज्य की सड़क गुजरेगी, कहां से राष्ट्रीय राजमार्ग या कहां पर जंगल है, उन सभी संबंधित विभागों को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर बेहतर तालमेल से रेलवे लाइन को निकाला जायेगा._*
*_खर्च होगा कम, व्यापार को बढ़ावा_*
*_इस योजना से एक तो ओवरऑल खर्च में कमी आयेगी. दूसरा, एक बार कोई प्रोजेक्ट शुरू होगा तो विभाग या शासन के किसी भी स्तर से उसमें रुकावट नहीं आयेगी. इससे पूंजीगत फायदा भी होगा. साथ ही किसी निवेशक को ये चिंता नहीं सताएगी कि कहीं उसका काम राज्य सरकार या निगम के चक्कर में रुक न जाये. ये प्रधानमंत्री मोदी के इज ऑफ डूइंग बिजनेस के संकल्प को भी दर्शाता है._*
*_पीएम मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट में वाणिज्य विभाग का लॉजिस्टिक डिपार्टमेंट एक तरह से नोडल एजेंसी और एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज के मुख्यालय की तर्ज पर काम करेगा. सचिवों का समूह नेशनल मास्टर प्लान की सलाह की समीक्षा कर किसी भी योजना को हरी झंडी देगा._*
*_राज्यों को साथ आने का ऑफर_*
*_इसके बाद वो योजना कैबिनेट में जायेगी और मंजूरी के बाद ही योजना शुरू हो सकेगी. नेशनल मास्टर प्लान का जो पोर्टल होगा उसमें मंत्रालय अपनी योजनाओं को डालेंगे. उस पोर्टल की लॉग इन आईडी सभी 16 विभागों के पास होगी. समीक्षा इसी पोर्टल पर आने वाली योजनाओं की होगी. साथ ही इसे समय-समय पर अपग्रेड किया जाता रहेगा. केंद्र का मानना है कि जो भी राज्य सरकारें इससे जुड़ना चाहें तो उनको एक लॉग इन आईडी दे दिया जाएगा._*
*_प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पोर्टल को 13 अक्टूबर को लॉन्च की और इस पोर्टल को BISAG-N ने तैयार किया है. इस योजना के साथ प्रधानमंत्री मोदी के नारे यानी सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास को बल मिलेगा. साथ ही आत्मनिर्भर भारत के 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के सपने को पूरा करने में भी ये मिशन मील का पत्थर साबित हो सकता है._*
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