त्रैता युग का लक्ष्मणपुर है लखनऊ

 
Lucknow
 त्रैता युग का लक्ष्मणपुर है लखनऊ
अरविन्द सिसौदिया 9414180151

लखनऊ का प्राचीन नाम लक्ष्मणपुर है। जिसे भगवान रामचंद्रजी के छोटे भाई लक्ष्मण जी ने बसाया था। इस शहर को नवाबों का शहर’ इस्लामिक आक्रमणकारियों के समय से कहा जाने लगा है। लखनऊ उत्तर प्रदेश की राजधानी है, जो गोमती नदी के तट पर स्थित है। इस स्थान को मुगल काल से प्रारंभ हुई, में जब अवध के सूबेदार सआदत खाँ ने अपनी पृथक सत्ता घोषित कर राजधानी बनाया था। उल्लेखनीय है कि नवाब आसफुददौला के समय अवध की राजधानी फैजाबाद से लखनऊ स्थानान्तरित कर दी गई। इसके पश्चात 1856 ई. तक यह सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बना रहा।
 
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 1. कौशल राज्य : मान्यता है कि लखनऊ शहर लक्ष्मण ने बसाया था। उत्तर भारत में लक्ष्मण को लखन भी कहते हैं। लखनऊ उस क्षेत्र में स्थित है जिसे ऐतिहासिक रूप से अवध क्षेत्र के नाम से जाना जाता था। लखनऊ प्राचीन कौशल राज्य का हिस्सा था।


2. लक्ष्मणपुर : कहते हैं कि प्राचीनकाल में इसे लक्ष्मणावती, लक्ष्मणपुर या लखनपुर के नाम से जाना जाता था, जो बाद में बदलकर लखनऊ हो गया। यहां से अयोध्या मात्र 80 मील दूरी पर स्थित है। 11वीं शताब्दी तक लखनपुर (या लक्ष्मणपुर) के नाम से यह शहर जाना जाता था। एक अन्य मतानुसार यह शहर लक्ष्मण के बाद लक्ष्मणवती के रूप में जाना जाता था। यह नाम पहले लखनवती और फिर विकृत होते-होते लखनौती और आखिरकार लखनऊ में बदल गया।

3. बागों का शहर : गोमती नदी के तट पर स्थित लखनऊ को मुस्लिम काल में नवाबों का शहर कहा जाने लगा और वर्तमान में लखनऊ को 'बागों का शहर' कहा जाता है।


4. लक्ष्मणटीला : लखनऊ शहर के पुराने भाग में एक ऊंचा ढूह है, जिसे लक्ष्मणटीला कहा जाता है। यहां पुरातात्विक खुदाई में वैदिक कालीन अवशेष प्राप्त हुए हैं। कहते हैं कि लक्ष्मणटीला पर पहले लक्ष्मणजी का प्राचीन मंदिर था जिसे मुगल बादशाह औरंगजेब ने तुड़वाकर एक मसजिद बनवाई थी।

6. लखनऊ पर मुस्लिम शासन : लखनऊ अकबर, जहांगीर और औरंगजेब के बाद मुहम्मदशाह, सआदत खां, सफदरजंग, शुजाउद्दौला, गाजीउद्दीन हैदर, नसीरुद्दीन हैदर, मुहम्मद अली शाह और अंत में लोकप्रिय नवाब वाजिद अली शाह ने क्रमशः शासन किया। नवाब आसफुद्दौला के समय राजधानी फैसलाबाद से लखनऊ लाई गई। इन सभी शासकों के दौरा में लखनऊ का हिन्दू स्वरूप मिटा दिया गया। इमामबाड़ा, मस्जिदें, ईदगाह, कोठी, जमातखाना, मदरसे, बाग आदि कई मुस्लिम स्थल बनाए गए।

7. अंग्रेज काल : 1856 ईस्वी में अंग्रेजें ने वाजिद अली शाह को गद्दी से उतार कर संपूर्ण अवध क्षेत्र को ब्रिटिश भारत में सम्मिलित कर लिया गया। तब 1902 में 'नार्थ वेस्ट प्रोविन्स' का नाम बदल कर 'यूनाइटिड प्रोविन्स ऑफ आगरा एण्ड अवध' कर दिया गया। स्वतंत्रता के बाद 12 जनवरी सन् 1950 में इसका नाम बदलकर उत्तर प्रदेश रख दिया गया। इसे पहले 1920 में प्रदेश की राजधानी को इलाहाबाद से बदल कर लखनऊ कर दिया गया।

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लखनऊ को नवाबों का शहर कहना झूठे इस्लामिक प्रचार का चरमोत्कर्ष है !
जानिए …
लक्ष्मण का शहर कैसे बन गया… शहर-ए-लखनऊ ...
द सिटी ऑफ नवाब्स ?  

अयोध्या और लक्ष्मणपुरी ये दो शहर ऐसे ही आपस में जुड़े हुए थे जैसे भगवान राम और उनके स्वामिभक्त छोटे भाई लक्ष्मण।
श्री अयोध्या पुरी भगवान राम की सेवा में थी और लक्ष्मणपुरी की स्थापना श्री लक्ष्मण ने की थी । 

काँग्रेसी शिक्षा मंत्री मौलाना आज़ाद के समय में तैयार की गई पाठ्य पुस्तकों के माध्यम से बहुत मनोवैज्ञानिक तरीके से हिंदू बच्चों के मस्तिष्क में पीढ़ी-दर-पीढ़ी ये झूठ भर दिया गया कि लखनऊ नवाबों का शहर है ।

मनोवैज्ञानिक तरीके से झूठ मस्तिष्क में डालने का सबसे अच्छा उपाय यह होता है कि पहले उस झूठ से जुड़ा हुआ एक प्रश्न घड़ा जाए । बच्चों के लिए प्रश्न क्या बनाया गया ...? 

बच्चों यह बताओ कि नवाबों का शहर किसे कहते हैं ?
तो बच्चों ने बोला :- सर/मैडम, नवाबों का शहर लखनऊ को कहते हैं ।

अब जिस बच्चे को यह नहीं पता कि लखनऊ नवाबों का शहर है वो बच्चा बौड़म और मूर्ख कहा जाएगा । इस तरह हिंदुओं ने अपनी मूंछों पर ताव देते हुए ... स्वयं के बुद्धिमान होने का दंभ पालते हुए यह झूठ स्वीकार कर लिया कि हमें पता है कि नवाबों का शहर कौन सा है ?

*नवाबों का शहर लखनऊ है ।*

सामान्यतया इन जिहादियों को हमारे राष्ट्र में अब पंचर पुत्र कहकर बुलाया जाने लगा है ... क्योंकि ये लोग पंचर बनाने का काम करते हैं। लेकिन, मैंने कभी इनको पंचर पुत्र नहीं कहा । आचार्य श्री धर्मेंद्र जी महाराज ने एक बार कहा था कि सड़क पर बैठे हुए एक मुस्लिम मोची की राजनैतिक समझ किसी विशाल ऊँचे भवन में बैठने वाले मल्टीनेशनल कंपनी के हिंदू प्रबंधक/व्यवस्थापक से श्रेष्ठतर होती है ।

जिहादी भले ही पंचर बनाता हो लेकिन उसकी राजनैतिक समझ बहुत अच्छी है । इसीलिए जब जिहादियों ने हिंदू नगरों पर बलपूर्वक अधिकार किया तो सबसे पहले उन हिंदू नगरों के नाम बदल डाले - जैसे अयोध्या का नाम फैज़ाबाद, प्रयाग का नाम इलाहाबाद। बहुत से लोगों को जानकारी नहीं है कि औरंगजेब ने मथुरा का नाम इस्लामाबाद रख दिया था । मुगलकाल के पुराने शासकीय अभिलेखों में मथुरा को इस्लामाबाद लिखा गया है ! आपको यह जानकर हँसी आएगी कि श्री कृष्ण की नगरी वृंदावन को ये जिहादी मोमिनाबाद कहने लगे थे। वो तो भला हो जाट राजा सूरजमल का जिन्होंने मथुरा को आततायी मुगलों से मुक्त करवाया ।

यही पहचान-परिवर्तन का काम इन जिहादियों ने लक्ष्मणपुरी के साथ भी किया । इसीलिए अब बच्चों को पाठशालाओं में यह पढ़ाया जाना चाहिए कि लखनऊ का नाम किसके नाम पर है ?
तो उत्तर आना चाहिए कि लखनऊ का नाम भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण के नाम पर है ।

लक्ष्मण संस्कृत भाषा का शब्द है। अवधी भाषा में यही शब्द लखन कहा जाने लगा, और लखन से ही बना है लखनऊ । 

लखनऊ में आज भी लक्ष्मण टीला नाम का एक स्थान है। यह काफी ऊंची भूमि है और यहां पर एक छेद भी मिलता है जो काफी गहराई तक गया है। हिंदू मान्यता के अनुसार यह छिद्र शेषनाग तक जाता है इसलिए हिन्दू बहुत प्राचीन काल से इस छिद्र पर पुष्प और जल अर्पित करते थे। वही शेष नाग जिसके बारे में पौराणिक मान्यता है कि धरती शेषनाग के फन पर है । लेकिन इस स्थान पर अब एक मस्जिद बनी हुई है जिसे टीले वाली मस्जिद कहा जाता है। वास्तव में यह हिंदुओं का एक और पवित्र स्थल है जिसे जिहादियों के द्वारा हड़प लिया गया है । इसी के सामने अब लक्ष्मण की मूर्ति बनाने की बात चल रही है जिसका जिहादी विरोध कर रहे हैं । 

राम द्वार को कैसे रूमी दरवाज़ा और मत्स्य भवन को कैसे इमामबाड़ा बताया जाने लगा ... आगे के लेखों में अवश्य बताएंगे । लेकिन पहले आप इस लेख को विभिन्न समूहों में साझा अवश्य कर दीजिए।

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