सावधान कोरोना फिर पैर पसार रहा है


पिछले कुछ दिनों में चीन, रूस  और यूरोप में कोरोना के मामले पर तेजी से बढ़े हैं । 
 
 
रूस ने पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया है । बताया जाता है कि पिछले 24 घंटे में रूस में लगभग 38000 नए मामले आए हैं और 1000  के लगभग लोगों की मौत हो गई है। 
 
 इसी तरह से चीन में भी कुछ नए मामले आए हैं जिन को देखते हुए वहां भी लॉकडाउन  / पाबंदियां लगाई गई हैं ।  चीन में 11 प्रान्तों में कोरोना फैला है, वहाँ भी अनेकों पाबन्दियाँ लगा दी गई हैं ।
 
यूरोप में भी 39 देशों में कोरोना की बढ़ोत्री देखी जा रही है ।

अर्थात कोरोना से अभी हम पूरी तरह मुक्त नहों हुये है । 
सावधानी आवश्यक है । भीड़भाड़ से बचें, मास्क जरूर पहनें ।
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बीजिंग

चीन में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों ने पूरी दुनिया की चिंता को बढ़ा दिया है। चीन कोविड वैक्सीनेशन के मामले में दुनिया पहले नंबर पर है। चीन में अब तक कोविड वैक्सीन के 223 करोड़ से ज्यादा डोज लगाए जा चुके हैं। इसके बावजूद इस देश में फिर से कोरोना के पैर पसारने से हड़कंप मचा हुआ है। राजधानी बीजिंग समेत कई शहरों में बड़े पैमाने पर लोगों की जांच की जा रही है। जिन व्यक्तियों को संक्रमित पाया जा रहा है, उनके संपर्क में आए लोगों की जांच की जा रही है। वहीं ऐसे लोगों और उनके रहने वाले इलाकों को सील भी किया जा रहा है।
 
 
कौन सी वैक्सीन कितनी प्रभावशाली?
वैक्सीन         देश           प्रभावशाली (प्रतिशत में)
कोरोना वेक   चीन               56.50     
एस्ट्राजेनेका   ब्रिटेन              79         
फाइजर        अमेरिका-जर्मनी 95
मॉडर्ना        अमेरिका           94
जॉनसन एंड
जॉनसन       अमेरिका           67
स्पुतनिक-वी  रूस                92
सिनोफॉर्म चीन                  73


 
वैक्सीनेशन के बाद लापरवाह हो गए थे लोग
चीन में सबसे पहले कोरोना का संक्रमण देखा गया था। जिसके बाद इस देश ने बड़े पैमाने पर लॉकडाउन किया था। बाद में जब लोगों को वैक्सीन की डोज दी जाने लगी, तब पाबंदियों को भी हटा दिया गया था। 2021 की शुरूआत से ही चीन में लोग बड़े-बड़े आयोजनों में इकट्ठा होते दिखे। चीनी नव वर्ष, राष्ट्रीय दिवस जैसे मौकों पर बड़ी संख्या में लोग सामने दिखे। लोगों ने मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग को भी छोड़ दिया था।

 चीन की वैक्सीन सबसे कम प्रभावी?

चीन में बढ़ते कोरोना के मामलों को देख चीन की वैक्सीन के प्रभाव पर लोगों का शक गहराने लगा है। सिर्फ चीन में ही नहीं, बल्कि जिस-जिस देश में इस वैक्सीन को लगाया गया, वहां कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं। मंगोलिया, बहरीन, सेशेल्स, चिली और तुर्की समेत कई देशों ने चीन की वैक्सीन का इस्तेमाल किया, जिसका खामियाजा उन्हें तुरंत भुगतना पड़ा।

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नए वैरियंट पर असरदार नहीं चीनी वैक्सीन
कई देशों से मिले डेटा से पता चला है कि चीनी वैक्सीन कोरोना संक्रमण को रोकने में प्रभावी साबित नहीं हो रही है। विशेष रूप से कोरोना के नया वैरियंट के ऊपर इस वैक्सीन का असर बिलकुल नहीं दिखाई दे रहा है। विशेषज्ञों ने कहा है कि किसी भी देश में कोरोना के मामले इस बात पर निर्भर करते हैं कि वह देश अपने नागरिकों को कौन सी वैक्सीन लगवा रहा है।
 
चीन ने खुद स्वीकारा है वैक्सीन का कम प्रभाव
चीन के शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने खुद ही स्वीकार किया है कि उनकी कोरोना वैक्सीन की प्रभावशीलता काफी कम है। नी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के डॉयरेक्टर गाओ फू ने दो दिन पहले ही कहा था कि मौजूदा वैक्सीन की प्रभावशीलता की दर काफी कम है। इसे बढ़ाने के लिए चीनी वैक्सीन निर्माता कंपनियों के साथ बातचीत की जा रही है।

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