किसानों के नाम पर राजनीति करने वालों ने सभी हदें पार कीं - अरविन्द सिसौदिया
Lakhimpur kheri अजय मिश्रा के ड्राईवर हरिओम मिश्रा को आंदोलनकारी किसानों ने पीट-पीट कर मार डाला। मार डालने से पहले का एक वीडियो सामने आया है जिसमें साफ़ देखा जा सकता है कि खून से लथपथ हरिओम मिश्रा को कुछ आंदोलनकारी घेर के खड़े हैं और कह रहे हैं कि “मान जाओ कि तुम्हें टेनी ने गाड़ी चढ़ाने के लिए भेजा है.
किसानों के नाम पर राजनीति करने वालों ने सभी हदें पार कीं - अरविन्द सिसौदिया
लखीमपुर कांडः पीड़ितों से सीजेआई की मुलाकात के गलत ट्वीट पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी
सार
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में रविवार की दोपहर खूनी संघर्ष हुआ था। इसमें चार किसानों समेत आठ लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्र है। इस घटना को लेकर एक मीडिया संगठन ने एक फर्जी ट्वीट किया था, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है।
विस्तार
एक मीडिया संगठन की ओर से किए गए एक ट्वीट पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नाराजगी जताई। इस ट्वीट में दावा किया गया था कि देश के मुख्य न्यायाधीश सीवी रमण ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की है। शीर्ष अदालत ने कहा कि हम मीडिया और उसकी स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं लेकिन यह बिल्कुल उचित नहीं है।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में बीते रविवार को हुई हिंसा के मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने इस ट्वीट को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि मीडिया को तथ्यों की पुष्टि करनी चाहिए। मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश सूर्यकांत व हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि हमें यह देखकर खेद है कि कोई अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की सीमा पार कर रहा है।
यह मुद्दा तब सामने आया जब वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने गुरुवार को पीठ को बताया था कि एक मीडिया संगठन ने एक ट्वीट किया है जिसमें कहा गया है कि सीजेआई ने लखीमपुर की घटना के पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात की है। इस पर सीजेआई ने कहा कि उनको कुछ तो समझ होनी चाहिए क्योंकि मैं अदालत में बैठा हुआ था, ऐसे में यह कैसे संभव है।
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‘आप क्या संदेश दे रहे?’ लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर SC ने योगी सरकार पर जताई नाराजगी
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं है.
इन्द्रजीत 8 October, 2021 2:38 pm
नई दिल्ली: यूपी में लखीमपुर खीरी घटना को लेकर योगी सरकार के रवैये को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. उच्चतम न्यायालय ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपियों को गिरफ्तार ना करने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि आप क्या संदेश दे रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर हिंसा पर स्वत: संज्ञान लिया था जिस पर सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार पर यह टिप्पणी की. अदालत ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हिंसा में मारे 8 लोगों के मामले पर सुनवाई शुरू की है.
सर्वोच्च अदालत ने कहा कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से संतुष्ट नहीं है.
गौरतलब है कि पिछले रविवार (3 अक्टूबर) को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. आरोप है कि इन किसानों को वाहन से टक्कर मारी गयी थी.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सीबीआई जांच भी कोई समाधान नहीं है और कारण पता है.
वहीं यूपी सरकार की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी गोली के घाव सामने नहीं आए हैं, इसलिए उन्हें नोटिस भेजा गया था.
हरीश साल्वे का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बंदूक की गोली की चोट नहीं दिखी. उन्हें दो कारतूस मिले हैं, शायद आरोपी का निशाना कोई गलत था. CJI ने साल्वे से पूछा, तो ये है आरोपी को हिरासत में नहीं लेने का आधार?
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को एक वैकल्पिक एजेंसी के बारे में अदालत को अवगत कराने के लिए कहा है जो जांच कर सकती है.
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि यह आठ लोगों की नृशंस हत्या है और कानून को सभी आरोपियों के खिलाफ अपना काम करना चाहिए. कोर्ट ने आगे कहा कि उसे उम्मीद है कि यूपी सरकार मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जरूरी कदम उठाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को उसका यह संदेश राज्य सरकार को देने को कहा कि लखीमपुर खीरी मामले में सबूत नष्ट ना हों.
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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा
नेताओं की गाड़ियों का घेराव किया जाना तरीका गलत है - जे पी नड्डा
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में जेपी नड्डा ने कहा कि लखीमपुर खीरी में जो कुछ भी हुआ, वो गलत हुआ। इसको राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए। सभी को इसे मानवता की दृष्टि से देखना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अब विरोध का एक नया तरीका देखने को मिल रहा है। जिसमें नेताओं की गाड़ियों का घेराव किया जा रहा, ये तरीका गलत है। इस बारे में हमें सोचना होगा, क्योंकि कानून को हाथ में लेने का अधिकार किसी के पास नहीं है।
नड्डा के मुताबिक लखीमपुर की घटना पर कानून अपना काम कर रहा है। जिसके तहत एक एसआईटी का गठन किया गया। जल्द ही पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी। इस घटना में जो भी लोग जिम्मेदार होंगे, उनको छोड़ा नहीं जाएगा। वहीं नए कृषि कानूनों को रद्द करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सबसे पहले लोगों को समझना होगा कि कई नेता जबरदस्ती किसान नेता बन गए हैं। पहले 22 हजार करोड़ का बजट होता था, लेकिन अब ये 1.23 लाख करोड़ का बजट है। सरकार लगातार किसानों की भलाई के लिए काम कर रही।
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मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बोले
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर कहा कि कानून हाथ में लेने की छूट किसी को नही होगी लेकिन किसी के दबाव में कोई कार्रवाई नही होगी.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर की घटना के आरोपी तथा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी की विपक्ष की मांग पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को कहा कि कानून हाथ में लेने की छूट किसी को नही होगी लेकिन किसी के दबाव में कोई कार्रवाई नही होगी.
शुक्रवार को एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में योगी ने कहा, ‘लखीमपुर खीरी की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं, सरकार उसकी तह तक जा रही है . लोकतंत्र में हिंसा के लिये कोई स्थान नही है जब कानून सबको सुरक्षा प्रदान करने की गारंटी दे रहा है तो किसी को भी अपने हाथ में कानून लेने का अधिकार नही है, चाहे वह कोई भी हो.’
गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के पुत्र को बचाने की कोशिश के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘कोई वीडियो इस प्रकार का नही है, हमने नंबर भी जारी किया है कि अगर किसी के पास कोई साक्ष्य है तो इस पर अपलोड करें . दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा. अन्याय किसी के साथ नहीं होगा . कानून हाथ में लेने की छूट किसी को नही होगी लेकिन किसी के दबाव में कोई कार्रवाई नही होगी .’
उन्होंने कहा कि माननीय उच्च्तम न्यायालय ने व्यवस्था दी है कि गिरफ्तारी से पहले आपके पास पर्याप्त साक्ष्य भी होने चाहिये . हम किसी व्यक्ति के आरोप पर अनावश्यक किसी को गिरफ्तार भी नहीं करेंगे, लेकिन हां अगर कोई दोषी है तो उसको छोड़ेंगे भी नहीं, चाहे कोई भी व्यक्ति क्यों न हो .’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमने पूरे उप्र में यहीं किया है, जिनके खिलाफ भी कार्रवाई हुई है, जिनके खिलाफ भी साक्ष्य मिले हैं, हमने उनके खिलाफ कार्रवाई करने में कोई गुरेज नही किया है . लखीमपुर खीरी की घटना में भी सरकार यही कर रही है.’
गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के पुत्र को बचाने की कोशिश के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘कोई वीडियो इस प्रकार का नही है हमने नंबर भी जारी किया है कि अगर किसी के पास कोई साक्ष्य है तो वह इस पर अपलोड करें . दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा . अन्याय किसी के साथ नहीं होगा . किसी को कानून हाथ में लेने की छूट नहीं होगी, लेकिन किसी के दबाव में कोई कार्रवाई नही होगी .’
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘लखीमपुर खीरी घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इस पर जांच जारी है. अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा. हम राज्य की लोगों को भरोसा दिलाते हैं कि किसी भी कीमत पर दोषियों बख्शा नहीं जाएगा और आरोपियों के किसी पद पर होने से कोई दबाव नहीं आएगा.’
(भाषा और एएनआई के इनपुट्स के साथ)
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