देश देख रहा है : आसामाजिक तत्वों को गिरफतार करें - अरविन्द सिसौदिया

 Mehbooba Mufti Says, Now People Are Afraid Of Stone Throwers Not Indian  Army - महबूबा मुफ्ती ने कहा, अब लोग फौज से नहीं,पत्थरबाजों से डरते हैं |  Patrika News

 

 महबूबा मुफ्ती, प्रियंका गांधी

 

देश देख रहा है : आसामाजिक तत्वों को गिरफतार करें - अरविन्द सिसौदिया

हाल ही में दो दुखःद घटनायें हुईं है जो सुनियोजित ही कही जायेंगी ।
1- लखीमपुर खीरी में किसान आन्दोलन के नाम पर आरातकतावादियों का हुडदंग औश्र उसी क्रम में 8/9 मौतें
2- कश्मीर घाटी में 3 अलग अलग घटनाओं में आतंकवादियों के द्वारा हत्यायें

दोनों घटनाओं को पाकिस्तान परस्त तत्व पोषित औश्र पल्लवित कर रहे है।
जबरिया अपराधियों का पक्ष विपक्षी राजनैतिक लोग ले रहे है। एक प्रकार से वे अपराधियों को सपोर्ट कर रहे है।

महबूबा मुफती के बयान लगातार घाटी का माहौल बिगाड रहे है। यही सब कुछ तथाकतित किसान आंदोलन में हो रहा है। खालिस्तान समर्थक सरे आम दिख रहे है। आक्रमण करवा रहे है। भाजपा के नेताओं पर कार्यक्रमों पर आक्रमण की अनुमति कैसे हो सकती है। लखीमपुर खीरा में भी किसानों की मुत्यु के बहुत पहले से ही हुडछंग चल रहा था । उपमुख्यमंत्री के  कार्यक्रम को बाधित करनें के लिये किसानों के नाम पर आराजकतरवादीयों की पत्थरबाजी आदि किसी से छुपी नहीं है।

विपक्ष्र को सिर्फ सत्ता दिख रही है। 1977 में भी पंजाब में कांग्रेस ने भिण्डरवाले को पनपाया था जनता पार्टी को परेशान करनें बाद में फिर कांग्रेस की प्रधानमंत्री अपने बुने जाल का ही शिकार हुईं। सत्तायें आती जाती रहती है। देश में अमन चैन रहना चाहिये। जो देश के अमन चैन से खेलेगा वह स्वयं कैस बचा रहेगा।

यह बहुत स्पष्ट है कि आराजकतावादीयों को गिरफ्त में लेकर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिये। 

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लखीमपुर की घटना के तीन बाद आया कैबिनेट मंत्री का बयान,
कहा-'मामले की तह तक जाएंगे'

 सिद्धार्थ नाथ सिंह ने लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर कहा कि सरकार इस मामले की तह तक जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लखीमपुर खीरी जाने के कार्यक्रम को 'राजनीतिक पर्यटन' करार देते हुए कहा कि किसी को भी हालात बिगाड़ने नहीं दिए जाएंगे।
IndiaTV Hindi DeskIndiaTV Hindi Desk
Published on: October 06, 2021

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर कहा कि सरकार इस मामले की तह तक जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लखीमपुर खीरी जाने के कार्यक्रम को 'राजनीतिक पर्यटन' करार देते हुए कहा कि किसी को भी हालात बिगाड़ने नहीं दिए जाएंगे। आपको बता दें कि लखीमपुर खीरी घटना के तीन दिन बाद उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बयान आया है। हालांकि इस मामले में अभी तक किसी की गिरफ्तारी भी नहीं हुई है।

आज सुबह राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस और लखीमपुर खीरी का दौरा करने के ऐलान के बाद सिद्धार्धनाथ सिंह ने अपनी पीसी में कहा कि विपक्ष नकारात्मक रवैया दिखा रहा है और वह इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रहा है, समझ नहीं आ रहा है कि भाई-बहन (राहुल और प्रियंका गांधी) इतना क्यों 'उछल' रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट को स्वीकार किया है एक परिवार को संदेह हुआ तो सरकार ने तुरंत दोबारा पोस्टमार्टम कराया, सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ काम करते हुए मामले की तह तक पहुंचेगी।

उन्होंने कहा,‘‘ हालात को संभालने के लिए सरकार ने कानून के तहत कुछ कदम उठाए हैं और विपक्षी नेताओं से प्रार्थना भी की है कि वे लोग अभी लखीमपुर खीरी न जाएं। अगर वे जाना ही चाहते हैं तो कुछ दिन बाद चले जाएं। इन नेताओं के मृतक के परिवारों से मुलाकात पर सरकार को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन किसी को भी माहौल बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।’’

सिंह ने गांधी पर तंज करते हुए कहा, "आज कांग्रेस के नंबर वन परिवार के एक और युवराज को जोश आया कि बहन (प्रियंका गांधी) तो है ही, इसलिए हम भी राजनीतिक पर्यटन पर निकलेंगे। मगर युवराज यह भूल जाते हैं और इतिहास गवाह है कि इस आजाद देश में कभी नरसंहार हुए हैं तो वे कांग्रेस के शासनकाल में ही हुए हैं।"

सिंह ने वर्ष 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों का जिक्र करते हुए कहा,‘‘ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिख समुदाय के खिलाफ नरसंहार किया गया। भाजपा उस समय उन लोगों के साथ खड़ी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब सिख समुदाय के लिए संशोधित नागरिकता कानून लेकर आए तो कांग्रेस ने उसके खिलाफ अभियान चलाया। इस कानून का ज्यादातर फायदा सिख समुदाय को ही होने वाला है।’’

आपको बता दें कि लखीमपुर मामले में तीन दिन बीतने के बाद भी अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इससे पहले सरकार हाथरस के मामले में भी आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने का दावा किया था। लखीमपुर हिंसा मामले में लोग वीडियो में साफ तौर पर हिंसा करते दिख रहे हैं लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। जिसको लेकर सवाल उठ रहे हैं।



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