माता यशोरेश्वरी Jeshoreshwari शक्तिपीठ ( बांग्लादेश )

 यशोरेश्वरी शक्तिपीठ

     बांग्लादेश के खुलना जिला के यशोर ( जैसोर ) में अवस्थित है माता यशोरेश्वरी शक्तिपीठ। करतोयत शक्तिपीठ एवं चट्टल भवानी शक्तिपीठ के बाद यह बांग्लादेश का तीसरा सबसे प्रमुख शक्तिपीठ है जो की वहाँ रहने वाले हिंदुओं के आस्था का केंद्र है।*

* पौराणिक आख्यायिका के अनुसार भगवान विष्णु के चक्र से विच्छिन्न माता सती के हाथ एवं पैर का यहां निपात हुआ था। हालांकि कुछ विद्वानों का मत है कि यहां पर माता के बाएं हाथ की हथेली गिरी थी। इस शक्तिपीठ की शक्ति को 'यशोरेश्वरी माता' एवं भैरव को 'चन्द्र' कहते हैं।*

*' यशोरेश्वरी माता' का यह मंदिर पहले 'अनारी' नाम से जाना जाता था। कहा जाता है कि इस मंदिर में लगभग 100 दरवाजे थे। साथ ही मंदिर के पास में ही एक बड़ा आयताकार रूप का भव्य मंच हुआ करता था। यह मंच ऊपर से ढका हुआ रहता था जिसे नट मंदिर कहा जाता था। यहां आने वाले भक्त, इस नट मन्दिर के पास खड़े होकर माता का दर्शन करते थे।* 

* जब भारत का बंटवारा हुआ था तब भारतीय हिन्दुओं ने अपने कई तीर्थ स्थल, शक्तिपीठ और प्राचीन मंदिरों को खो दिया। यह मन्दिर भी उनमें से ही एक है। बांग्लादेश में इस्लामिक कट्टरपंथियों ने बहुत से मन्दिर का अस्तित्व मिटा दिया और जो बच गए हैं वे भी अपनी अस्तित्व के मिट जाने के मुहाने पर है।*

_*"सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते।"*_
_*"भयेभ्याहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तु ते॥"*_ 

  

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