भारतीय टीम को एक मैच फिनिशर बैट्समैन चाहिए

भारत को एक मैच फिनिशर बैट्समैन की आवश्यकता है 

      याद रहे कि भारत  की टी-20 हो या वनडे क्रिकेट टीम हो कभी हमारे पास कूल या ठंडे दिमाग वाले खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी हुआ करते थे और मैच को कैसे समाप्त करना है और कैसे जीतना दोनों चीजों को ध्यान में रखकर चलते थे । संभल के खेलना, जरूरत के मुताबिक तेज खेलना , चौके - छक्के लगाना यह सब उनके दिमाग में सेटल/ तय रहता था और उससे भारत की टीम को बहुत लाभ मिलता था और वह अच्छे से अच्छे और बड़े से बड़ी टीम को भी भारत पराजित कर देता था।

वर्तमान में विराट कोहली के नेतृत्व में जो टीम हम देख रहे हैं उस में दिक्कत यही आ रही है कि विराट कोहली स्वयं बहुत अच्छे खिलाड़ी हैं उनको बैकअप देने के लिए कोई एक ऐसा मैच फिसर जो मैच को समाप्त करें , फाइनल करें, मैच को जीत ले, दूसरा खिलाड़ी टीम में नजर नहीं आता है । इसलिए भारत के सामने अभी समस्या बनी हुई है , अनिश्चितता बनी रहती है कि हमारा क्या होगा।

     इसलिए भारत को योजनाबद्ध तरीके से पांचवें अथवा छठे नंबर के लिए ऐसा खिलाड़ी देखना चाहिए,  जो आवश्यकता के अनुरूप खेल सके, जिसको दिमागी रूप से वह पूरा ठंडा हो और फिनिशर खिलाड़ी के रूप में वह पूरी तरह से विकेट बचा कर आक्रामक खेल सके और जरूरत के मुताबिक विकेट पर टिके रहे ।

 इसे हेतु प्रैक्टिस के आधार पर हम को एक दो फिनिशर खिलाड़ी इस हेतु तैयार करने चाहिए , जब किसी खिलाड़ी को एक विशेष दृष्टि देकर के तैयारी कराई जाती है तो उसमें विशेषज्ञता आजाती है ।

टिप्पणियाँ

इन्हे भी पढे़....

सेंगर राजपूतों का इतिहास एवं विकास

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहे।

सरदार पटेल प्रथम प्रधानमंत्री होते तो क्या कुछ अलग होता, एक विश्लेषण - अरविन्द सिसोदिया

कांग्रेस की धमकियों से, "आरएसएस" का यह प्रबल प्रवाह नहीं रुकने वाला - अरविन्द सिसोदिया

‘‘भूरेटिया नी मानू रे’’: अंग्रेजों तुम्हारी नहीं मानूंगा - गोविन्द गुरू

कण कण सूं गूंजे, जय जय राजस्थान

सरदार पटेल के साथ वोट चोरी नहीं होती तो, वे भारत के प्रथम प्रधानमंत्री होते - अरविन्द सिसोदिया

छत्रपति शिवाजी : सिसोदिया राजपूत वंश

खींची राजवंश : गागरोण दुर्ग

हमारा देश “भारतवर्ष” : जम्बू दीपे भरत खण्डे