बीस साल पहले मोदी जी

 भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी कोटा अक्सर आते रहे है। वे बहुत ही सहज एवं सरल के साथ साथ , गहन अध्ययनशील थे और उन्हे इसका लाभ मिला भी है। जनप्रतिनिधीत्व के 20 साल पूर्ण करने के अवसर पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें ।

नरेन्द्र मोदी  - " आतंकवाद युद्ध से भी बदतर है। एक आतंकवादी के कोई नियम नहीं होते। एक आतंकवादी तय करता है कि कब, कैसे, कहाँ और किसको मारना है। भारत ने युद्धों की तुलना में आतंकी हमलों में अधिक लोगों को खोया है।"

प्रारम्भिक सक्रियता और राजनीति
    एक वयस्क के रूप में मोदी की पहली ज्ञात राजनीतिक गतिविधि 1971 में थी जब वे अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई में दिल्ली में भारतीय जनसंघ के सत्याग्रह में शामिल हुए, ताकि युद्ध के मैदान में प्रवेश किया जा सके। लेकिन इंदिरा गांधी की अगुवाई में केन्द्र सरकार ने मुक्तिवाहिनी को खुला समर्थन नहीं दिया । 

 

 नरेन्द्र जब विश्वविद्यालय के छात्र थे तभी से वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में नियमित जाने लगे थे। इस प्रकार उनका जीवन संघ के एक निष्ठावान प्रचारक के रूप में प्रारम्भ हुआ| उन्होंने शुरुआती जीवन से ही राजनीतिक सक्रियता दिखलायी और भारतीय जनता पार्टी का जनाधार मजबूत करने में प्रमुख भूमिका निभायी। गुजरात में शंकरसिंह वाघेला का जनाधार मजबूत बनाने में नरेन्द्र मोदी की ही रणनीति थी।

           अप्रैल 1990 में जब केन्द्र में मिली जुली सरकारों का दौर शुरू हुआ, मोदी की मेहनत रंग लायी, जब गुजरात में 1995 के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने अपने बलबूते दो तिहाई बहुमत प्राप्त कर सरकार बना ली। इसी दौरान दो राष्ट्रीय घटनायें और इस देश में घटीं। पहली घटना थी सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा जिसमें आडवाणी के प्रमुख सारथी की मूमिका में नरेन्द्र का मुख्य सहयोग रहा। इसी प्रकार कन्याकुमारी से लेकर सुदूर उत्तर में स्थित काश्मीर तक की मुरली मनोहर जोशी की दूसरी रथ यात्रा भी नरेन्द्र मोदी की ही देखरेख में आयोजित हुई। इसके बाद शंकरसिंह वाघेला ने पार्टी से त्यागपत्र दे दिया, जिसके परिणामस्वरूप केशुभाई पटेल को गुजरात का मुख्यमन्त्री बना दिया गया और नरेन्द्र मोदी को दिल्ली बुला कर भाजपा में संगठन की दृष्टि से केन्द्रीय मन्त्री का दायित्व सौंपा गया।

           1995 में राष्ट्रीय मन्त्री के नाते उन्हें पाँच प्रमुख राज्यों में पार्टी संगठन का काम दिया गया, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। 1998 में उन्हें पदोन्नत करके राष्ट्रीय महामन्त्री (संगठन) का उत्तरदायित्व दिया गया। इस पद पर वह अक्टूबर 2001 तक काम करते रहे। भारतीय जनता पार्टी ने अक्टूबर 2001 में केशुभाई पटेल को हटाकर गुजरात के मुख्यमन्त्री पद की कमान नरेन्द्र मोदी को सौंप दी।







             लगातार दो बार प्रधानमंत्री बनने वाले नेताओं में शुमार नरेंद्र मोदी को आज संवैधानिक पद पर रहते हुए 20 साल पूरे हो चुके हैं। 7 अक्टूबर 2001 को ही केशुभाई पटेल से इस्तीफा लेने के बाद नरेंद्र मोदी को अचानक गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था। हालांकि, तबसे लेकर अब तक मोदी नाम का मैजिक सिर्फ गुजरात ही नहीं बल्कि पूरे देश में दिखाई देने लगा।

             साल 2001 में केशुभाई पटेल से इस्तीफा ले लिया गया था। माना जाता है कि साल 2001 मे भुज में आए भयानक भूकंप के दौरान कुप्रबंधन को लेकर उनसे इस्तीफा लिया गया। कहा जाता है कि गुजरात भूकंप के बाद प्रदेश में तत्कालीन सीएम केशुभाई के खिलाफ असंतोष था। वहीं दो उपचुनावों और स्थानीय चुनाव में भी बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में पार्टी नेतृत्व ने सीएम बदलने की सोची। उस समय अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। नरेंद्र मोदी गुजरात से संगठन का काम करके उस दौरान दिल्ली में थे।

             एक किस्सा यह भी है कि सीएम चुने जाने से कुछ देर पहले तक भी नरेंद्र मोदी को यह जानकारी नहीं थी। उन्हें अचानक तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने फोन किया और उस समय मोदी एक दाह संस्कार के लिए श्मशान में खड़े थे। वह जब अटल बिहारी वाजपेयी से मिले तो बताया गया कि उन्हें गुजरात वापस जाना है। मोदी समझ चुके थे कि उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने की तैयारी है।

            पीएम मोदी को अचानक उस समय गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया जब पार्टी मुश्किलों से जूझ रही थी। भूकंप के बाद राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के खिलाफ असंतोष पैदा होने लगा था। हालांकि, उस समय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने नरेंद्र मोदी पर भरोस दिखाया और उन्हें राज्य की कमान सौंपी। उस समय गुजरात विधानसभा चुनावों में सिर्फ डेढ़ साल का समय बचा था और मोदी के सिर पर विपक्षियों के साथ ही पार्टी के विरोधी सुरों को भी शांत करने की जिम्मेदारी थी।

साल 2002 के विधानसभा चुनाव में मिली जीत
                   सिर्फ 18 महीने के लिए सीएम पद मिलने की वजह से अधिकांश लोगों को मानना था कि मोदी गुजरात में जीत दिलवा पाने में शायद कामयाब न रहें। उस दौरान गोधरा कांड हुआ, जिसमें 58 लोगों मारे गए थे। इसके परिणामस्वरूप गुजरात में हुई हिंसा में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए। खुद नरेंद्र मोदी पर दंगे भड़काने तक के आरोप लगे। हालांकि, तमाम संशयों को पीछे छोड़ते हुए नरेंद्र मोदी एक बार फिर से गुजरात के सीएम बने। इसके बाद साल 2007 और 2012 में भी मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने प्रचंड जीत दर्ज की।
          गुजरात में अपने विरोधियों को चित करने वाले नरेंद्र मोदी को पार्टी ने केंद्र में बीजेपी का डंका बजवाने के लिए सबसे योग्य पाया और यहीं से मोदी के दिल्ली सफर की शुरुआत हुई। साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनावों में बीजेपी को प्रचंड जीत दिलवाई और बीजेपी ने 10 सालों के सूखे के बाद दिल्ली की राजनीति में वापसी की। नरेंद्र मोदी पीएम बने। इसके बाद साल 2019 में भी मोदी का जलवा बरकरार रहा और बीजेपी ने बीते आम चुनाव की तुलना में और भी ज्यादा सीटें जीतीं। नरेंद्र मोदी लगातार दूसरी बार पीएम बने।

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मोदी के सत्ता में 20 साल पूरे होने पर जेपी नड्डा ने दी बधाई और कहा- 

PM ने भारत को ग्लोबल पावर बना दिया


           गुजरात के मुख्यमंत्री से लकेर भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री तक, संवैधानिक पद की जिम्मेदारी संभालते पीएम मोदी के 20 साल पूरे हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के 20 वर्ष पूरे होने पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बधाई दी और कहा कि प्रधान सेवक के तौर पर पीएम मोदी ने भारत को ग्लोबल पावर (वैश्विक शक्ति) बना दिया। 7 अक्तूबर 2001 को नरेंद्र मोदी ने गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।

                     जेपी नड्डा ने कहा कि राज्य व केंद्र सरकार के मुखिया के रूप में जन-सेवा के 20 वर्ष पूरे करने पर देश के सर्वोच्च नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई और अभिनंदन। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, 'मैं आज सरकार के मुखिया के रूप में 20 साल पूरे करने पर पीएम मोदी को हार्दिक बधाई देता हूं। एक 'प्रधान सेवक' के रूप में उन्होंने भारत को एक वैश्विक शक्ति और ग्लोबल प्लेयर बना दिया है। उन्होंने हमारी पार्टी के लिए 'सेवा ही संगठन' का मंत्र भी दिया।

                  नड्डा ने कहा कि उन्होंने पहले गुजरात के मुख्यमंत्री और उसके बाद दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र वाले देश में प्रधानमंत्री बने। उन्होंने गरीबों के उत्थान के लिए जन धन योजना, उज्ज्वला योजना, उज्ज्वला योजना, किसान सम्मान निधि योजना, पीएम आवास योजना जैसी कई योजनाएं शुरू कीं। भ्रष्टाचार को खत्म करते हुए कई योजनाओं के माध्यम से बिचौलियों की भूमिका को समाप्त किया गया।

                      उन्होंने कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री बने और 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने तब, गरीबों को आंसू पोंछने को शासन का आदर्श सूत्र बना लिया। बता दें कि पीएम मोदी 13 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और पिछले सात सालों से देश के प्रधानमंत्री हैं।


 

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